Hamare privesh ke pradhat

 हमारे परिवेश के पदार्थ





।   भी वस्तु जो कुछ स्थान घेरे, जिसमें द्रव्यमान एवं आयतन हो, और जो अवरोध उत्पन्न करे, पदार्थ कहलाती है। कका द्रव्य क्या है ?




(2) द्रव्य एक प्रकार का पदार्थ है जिसे किसी भी भौतिक प्रक्रिया की सहायता से पदार्थ के अन्य प्रकारों में विभक्त नहीं किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, चीनी एक द्रव्य है। जल में विलीन चीनी को जल का सिर्फ वाष्पीकरण करके ही प्राप्त किया जा सकता है। वाष्पन के फलस्वरूप प्राप्त चीनी और मूल चीनी में कोई अंतर नहीं होता है, अतः चीनी एक द्रव्य है जो सरल भौतिक विधि से अपने अवयवों में विभक्त नहीं होती। इसी प्रकार, सोडियम क्लोराइड, चूना, चूना पत्थर आदि भी द्रव्य के उदाहरण हैं।


इसके विपरीत, दूध शुद्ध द्रव्य नहीं है क्योंकि यह जल,


वसा, प्रोटीन आदि का मिश्रण है। इसी प्रकार, समुद्र का जल,


मिट्टी, खनिज, कोयला आदि भी मिश्रण है, शुद्ध द्रव्य नहीं।



कार से पदार्थ की भौतिक प्रकृति


1. पदार्थ कणों का बना होता है।

प्राचीन काल के दार्शनिकों का मत था कि पदार्थ लकड़ी की एक गुटिका की तरह अनवरत होता है, इसमें छोटे-छोटे कण नहीं होते। किंतु पदार्थ अलग-अलग (discrete) छोटे-छोटे कणों का बना होता है।


कार्यकलाप - एक बीकर में आधा जल भर लें। बीकर में जल का स्तर चिह्नित कर दें। अब इस जल में थोड़ी चीनी डालें और काँच की छड़ (glass rod) की सहायता से उसे चलाकर घुला दें। आप देखेंगे कि चीनी जल में लुप्त हो गई है, किंतु बौर में जल का स्तर अपरिवर्तित रहता है। जरा पता करें कि चीनी कहाँ लुप्त हो गई है? वस्तुतः पदार्थ की संरचना अनवरत नहीं होती, बल्कि यह कणों की बनी होती है। चीनी में अनेक अलग-अलग कण होते हैं। इसी प्रकार, जल भी अलग-अलग कणों का बना होता है। चीनी के कण जल के कणों के मध्य उपलब्ध रिक्त स्थानों में समा जाते हैं। यही कारण है कि बीकर में जल का स्तर ऊपर नहीं उठ

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